प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे उनकी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सके। हालांकि, सरकार ने इस योजना में कुछ बदलाव किए हैं, जिनके तहत कुछ किसान अब इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। आइए जानते हैं कौन-कौन से किसान इस योजना से बाहर हो गए हैं और इसके नए नियम क्या हैं।
पीएम किसान योजना क्या है?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष ₹6,000 की सहायता दी जाती है, जो तीन किस्तों में किसानों के बैंक खाते में सीधी जमा होती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि और अन्य जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
नए नियमों के तहत कौन नहीं ले सकता योजना का लाभ?
सरकार ने पीएम किसान योजना में बदलाव किए हैं, जिसके तहत कुछ वर्गों को इस योजना से बाहर कर दिया गया है। ये किसान अब योजना का लाभ नहीं उठा सकते:
- संस्थागत भूमि धारक किसान: ऐसे किसान जो कृषि भूमि के मालिक तो हैं, लेकिन यह भूमि किसी संस्था, कंपनी, या सरकारी संगठन के नाम पर है, वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
- भूतपूर्व और वर्तमान सरकारी कर्मचारी: ऐसे किसान जो सरकारी नौकरियों (केंद्र या राज्य सरकार) में कार्यरत हैं या पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, वे इस योजना के पात्र नहीं हैं। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो सेवानिवृत्त होकर 10,000 रुपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं।
- पेशेवर करदाता (Professional Taxpayers): डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट्स जैसे पेशेवर, जो किसी भी तरह के व्यवसाय या पेशे में सक्रिय हैं और आयकर दाता हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- आयकरदाता (Income Taxpayer): ऐसे किसान जो पिछले किसी भी वित्तीय वर्ष में आयकर (Income Tax) भर चुके हैं, वे भी अब इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
- संवैधानिक पदाधिकारी: जैसे कि वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री, नगरपालिका या जिला पंचायत के अध्यक्ष भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
- विशिष्ट पेशेवरों के परिवार: वे परिवार जिनमें किसी सदस्य ने मेडिकल, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, या अन्य पेशेवर पढ़ाई की हो, वे भी योजना का लाभ नहीं ले सकते।
ई-केवाईसी अनिवार्य
इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले किसानों के लिए अब ई-केवाईसी (e-KYC) करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि किसान को अपने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को सही तरीके से प्रमाणित करना होगा, ताकि सरकार सुनिश्चित कर सके कि सही किसान को योजना का लाभ मिल रहा है।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव
- भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन: योजना के तहत आवेदन करने वाले किसानों के लिए उनकी भूमि का रिकॉर्ड (भूमि के दस्तावेज) सत्यापित करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।
- भुगतान में पारदर्शिता: किसानों को मिलने वाली किस्तें अब उनके बैंक खाते में सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से जमा की जाएंगी, जिससे किसी भी तरह की बिचौलिया व्यवस्था को समाप्त किया जा सके।
निष्कर्ष
पीएम किसान योजना में हुए इन बदलावों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल सही और योग्य किसान ही इसका लाभ उठा सकें। जो किसान नए नियमों के तहत पात्र हैं, उन्हें इस योजना के तहत हर साल ₹6,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती रहेगी। जिन किसानों को अब इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, उन्हें सरकार की ओर से किसी अन्य योजना के तहत सहायता प्राप्त हो सकती है।